Motivational Shayari by Gulzar गुलज़ार साहब की कुछ प्यारी पांतिया।
Motivation shayari by gulzaar
अपने हिसाब से जियो, लोगो की सोच का क्या
वो तो कंडीशन के हिसाब से बदलती रहती है
अगर चाय में मक्खी गिरे तो चाय फेंक देते है
और देसी घी में गिरे तो मक्खी को फेंक देते है